प्रस्तावना

नाइलिट के बारे में:  राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान (नाइलिट), पूर्व में डीओईएसीसी सोसायटी, एक स्वायत्त वैज्ञानिक संस्था है जो, इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (एमईआईटीवाई), भारत सरकार के प्रशासनिक नियंत्रण के अंतर्गत कार्य कर रही है। सूचना, इलेक्ट्रॉनिक्स और संचार प्रौद्योगिकी (आईईसीटी) के क्षेत्र में मानव संसाधन विकास तथा संबंधित गतिविधियों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से स्थापित, नाइलिट ने पूरे देश में डिजिटल साक्षरता एवं तकनीकी शिक्षा को और आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी है।

      नाइलिट आईईसीटी के क्षेत्र में औपचारिक एवं अनौपचारिक शिक्षा में सक्रिय रूप से जुड़ा हुआ है। यह निरंतर अत्याधुनिक क्षेत्रों जैसे; आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई), साइबर सुरक्षा एवं फोरेंसिक, ब्लॉकचेन, इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी), क्लाउड कंप्यूटिंग, इलेक्ट्रॉनिक्स सिस्टम डिजाइन एवं  मैन्युफैक्चरिंग (ईएसडीएम) तथा विभिन्न अन्य उभरते प्रौद्योगिकी डोमेन में उद्योग-प्रासंगिक, उच्च-गुणवत्ता वाले शैक्षिक एवं प्रशिक्षण कार्यक्रम विकसित करता है। यह डिप्लोमा एवं डिग्री कार्यक्रमों के साथ-साथ विशिष्ट कौशल पहल तक, पाठ्यक्रमों की एक विस्तृत श्रृंखला की पेशकश कर रहा है, नाइलिट एक राष्ट्रीय परीक्षा एवं प्रत्यायन निकाय के रूप में भी कार्य कर रहा है जो, अनौपचारिक शिक्षा क्षेत्र में संबद्ध संस्थानों एवं संगठनों द्वारा आयोजित आईटी तथा इलेक्ट्रॉनिक्स से संबंधित पाठ्यक्रमों की विश्वसनीयता और गुणवत्ता सुनिश्चित करता है।

व्यापक अखिल भारतीय उपस्थिति:  दृढ़ राष्ट्र स्तरीय उपस्थिति के साथ, नाइलिट 55 स्थानों में संचालित है जिसमें, अगरतला, आइजोल, अजमेर, औरंगाबाद, बालासोर, भुवनेश्वर, बीकानेर, बक्सर, कालीकट, चंडीगढ़, चेन्नई, चुचुयिमलांग, चुराचांदपुर, दमन, दिल्ली, पूर्वी दिल्ली, दक्षिण पश्चिम दिल्ली, डिब्रूगढ़, दीमापुर, गंगटोक, गोरखपुर, गुवाहाटी, हरिद्वार, हैदराबाद, इंफाल, ईटानगर, जम्मू, जोरहाट, कारगिल, कोहिमा, कोलकाता, कोकराझार, कुरूक्षेत्र, लेह, लखनऊ, लुंगलेई, माजुली, मंडी, मुजफ्फरपुर, नोएडा, पासीघाट, पटना, पाली, पीलीभीत, रांची, रोपड़, सेनापति, शिलांग, शिमला, सिलचर, श्रीनगर, तेजपुर, तेजू, तिरूपति और तुरा जैसे प्रमुख नगर सम्मिलित हैं। इस संगठन का मुख्यालय नई दिल्ली में स्थित है।

      व्यापक रूप से अपने भौतिक नेटवर्क के अतिरिक्त, नाइलिट पूरे भारत में 700 से अधिक संबद्ध संस्थानों के साथ जुड़ा हुआ है जो, दीर्घकालिक कौशल-आधारित कार्यक्रमों की पेशकश करते हैं तथा लगभग 9,000 सुविधा केंद्र डिजिटल क्षमता प्रशिक्षण प्रदान कर रहे हैं। यह व्यापक अभिगम्यता नाइलिट को समाज के सभी वर्गों के व्यक्तियों को प्रभावी ढंग से सेवा प्रदान करने में सक्षम बनाती है जिससे, दूरस्थ क्षेत्रों में भी प्रौद्योगिकी आधारित शिक्षा एवं प्रशिक्षण की सहज उपलब्धता का सुनिश्चय किया जा रहा है।

एक मानद विश्वविद्यालय के रूप में नाइलिट: ऐतिहासिक उपलब्धि के रूप में, नाइलिट को भारत के राजपत्र के भाग I, खंड 1 में प्रकाशित दिनांक: 15 जुलाई, 2024 के राजपत्र अधिसूचना संख्या 9-3/2023-U.3(A) के माध्यम से डीम्ड-टू-बी विश्वविद्यालय (डी-नोवो) का दर्जा प्राप्त हुआ है। विश्वविद्यालय का प्राथमिक परिसर रोपड़, पंजाब में स्थित है, जिसकी 11 घटक इकाइयाँ आइजोल, अगरतला, औरंगाबाद, कालीकट, गोरखपुर, इम्फाल, कोहिमा, पटना, श्रीनगर, केकड़ी और ईटानगर में स्थित हैं।

      इस मान्यता के साथ, नाइलिट डिजिटल विश्वविद्यालय के एक परिवर्तित रूप में है, जो उच्च गुणवत्ता, प्रौद्योगिकी आधारित शिक्षा प्रदान करने हेतु उन्नत शैक्षणिक दृष्टिकोण अपनाया जा रहा है। इस पहल का उद्देश्य देशभर के छात्रों, पेशेवरों और शोधकर्ताओं के लिए सुलभ एवं व्यापक डिजिटल शिक्षण संबंधी अवसर प्रदान करना है। डिजिटल रूप से कुशल कार्यबल को बढ़ावा देते हुए, नाइलिट भारत की भावी तकनीकी संभावनाओं को स्वरूप देने में निरंतर महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।

स्कूली शिक्षा से अनुसंधान स्तर तक व्यापक कौशल:  नाइलिट आधारभूत माध्यमिक विद्यालय स्तर के पाठ्यक्रमों से लेकर उन्नत डॉक्टरेट अनुसंधान पहलों तक विविध शैक्षणिक कार्यक्रम प्रदान करता है। यह भारत का एकमात्र संस्थान है जो एक स्थान पर शिक्षा एवं कौशल के अवसरों की व्यापक श्रृंखला उपलब्ध कराता है। इसके औपचारिक पाठ्यक्रम अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) द्वारा मान्य हैं जो, उच्चतम शैक्षणिक मानकों का पालन सुनिश्चित करते हैं। साथ ही, इसके अनौपचारिक पाठ्यक्रम राष्ट्रीय कौशल योग्यता ढांचा (एनएसक्यूएफ) के साथ संरेखित हैं तथा राष्ट्रीय व्यावसायिक शिक्षा एवं प्रशिक्षण परिषद (एनसीवीईटी) द्वारा समर्थित हैं, जो विभिन्न रोजगार भूमिकाओं और औद्योगिक आवश्यकताओं को पूरा करते हैं।

राष्ट्रीय परीक्षा एवं प्रत्यायन निकाय के रूप में नाइलिट: नाइलिट मुख्य राष्ट्रीय परीक्षा निकाय के रूप में कार्य करता है, लगभग 1 करोड़ से अधिक अभ्यर्थियों हेतु सफलतापूर्वक परीक्षाएँ आयोजित की हैं तथा 50 लाख से अधिक प्रतिभागियों का ऑफ़लाइन आकलन किया है। स्वयं की भर्ती परीक्षाओं के अतिरिक्त, नाइलिट ने कई सरकारी संगठनों हेतु परीक्षाएँ आयोजित की हैं, जिनमें एमईआईटीवाई, आईसीईआरटी, एसटीक्यूसी, एनआईसी, समीर, एनटीआरओ, सीसीआरएच, एसटीपीआई, बीओएटी, सीपीडब्ल्यूडी तथा अन्य सम्मिलित हैं।

         इसके अतिरिक्त, नाइलिट ऑन-साइट प्रॉक्टरिंग एवं केंद्रीकृत निगरानी प्रणाली के साथ तृतीय पक्षीय ऑनलाइन परीक्षाओं की सुविधा प्रदान कर रहा है, जिससे पारदर्शिता एवं दक्षता सुनिश्चित होती है। इसके अतिरिक्त, यह संस्थानों और संगठनों को गैर-औपचारिक क्षेत्र में आईटी और इलेक्ट्रॉनिक्स से संबंधित पाठ्यक्रम संचालित करने हेतु प्रत्यायन प्रदान करता है, जिससे राष्ट्रव्यापी कौशल विकास संबंधी प्रयासों में महत्वपूर्ण योगदान दिया जा रहा है।

क्षमता निर्माण व अनुसंधान एवं विकास आधारित पहल:  नाइलिट का अधिदेश शिक्षा एवं परीक्षाओं से परे है, जिसमें विभिन्न प्रकार की क्षमता निर्माण व अनुसंधान एवं विकास (आर एंड डी) परियोजनाएँ सम्मिलित हैं। संगठन कई उच्च-प्रभावी पहलों को सक्रिय रूप से लागू कर रहा है, जिनमें निम्नवत सम्मिलित हैं:

  • 27 नाइलिट केंद्रों में युवाओं को सशक्त बनाने की दिशा में इंडियन एआई प्रयोगशाला की स्थापना।
  • 60 आकांक्षी जिलों में युवाओं हेतु कौशल विकास कार्यक्रम।
  • उभरती तकनीकी दक्षताओं सहित पेशेवरों को तैयार करने हेतु फ्यूचर स्किल प्राइम पहल।
  • 8 पूर्वोत्तर राज्यों में साइबर फोरेंसिक प्रशिक्षण सह जांच प्रयोगशालाओं का विकास।
  • वर्तमान उद्योग की मांगों के अनुरूप 1.5 लाख से अधिक पूर्वोत्तर नागरिकों के लिए डिजिटल कौशल प्रशिक्षण।

इसके अतिरिक्त, नाइलिट ने कार्यालय स्वचालन, सॉफ्टवेयर विकास और वेबसाइट निर्माण जैसे क्षेत्रों में अनुसंधान एवं विकास परियोजनाओं, परामर्श सेवाओं और टर्नकी समाधानों को क्रियान्वित करने में अपनी विशेषज्ञता का प्रदर्शन किया है। इसने भारत के महापंजीयक (आरजीआई)  हेतु राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) परियोजना के एक भाग के रूप में 15 राज्यों तथा 2 केंद्र शासित प्रदेशों में जनसंख्या के डेटा डिजिटलीकरण हेतु एमईआईटीवाई की ओर से नोडल कार्यान्वयन एजेंसी के रूप में कार्य किया है। आगे, नाइलिट कृषि जनगणना एवं इनपुट सर्वेक्षण परियोजना में महत्वपूर्ण भूमिका भी निभा रहा है, जिसमें, लगभग 10 करोड़ डेटा रिकॉर्ड के सारणीकरण का कार्य शामिल है। 

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