अनुसंधान एवं विकास परियोजनाएं
सूचना प्रौद्योगिकी
सूचना उत्पाद एवं सेवाएँ हमारे जीवन की प्रमुख अंग बन गई हैं और इस प्रकार सूचना प्रौद्योगिकी के प्रत्येक क्षेत्र में सक्षमताओं में अभिवृद्धि करना जरूरी हो गया है। सूचना के व्यापक अभिगम के नए विश्व में संचार एवं संसाधन शिक्षा, लोकतंत्रीकरण की प्रक्रिया तथा समग्र आर्थिक विकास की अलंघ्य बाधाओं को दूर करने का एकमात्र समाधान है। अतः नाइलिट द्वारा समर्थित अनुसंधान एवं विकास कार्यक्रमों का मुख्य उद्देश्य सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र में उदीयमान प्रौद्योगिकियों के प्रसार एवं अवशोषण की सुविधा प्रदान करना, क्षमता निर्माण की सुविधा प्रदान करना, सही मूलसंरचनात्मक सुविधाओं का सृजन करना तथा विद्यमान प्रौद्योगिकियों को देश के नागरिकों के लिए कम कीमत पर उपलब्ध कराना है। वैश्विक ज्ञान अर्थव्यवस्था में अगुवाई करने का यही एकमात्र मार्ग है। नाइलिट अनुसंधान एवं विकास की सहायता प्रदान करती है और संबंधित वैज्ञानिक संस्थाओं के तकनीकी कार्यकलापों का समन्वय करती है।
इलेक्ट्रॉनिकी
इलेक्ट्रॉनिकी क्षेत्र किसी भी अर्थव्यवस्था एक मुख्य अंग है और विश्व में एक सबसे बड़ा वैश्विक उद्योग है। यह सभी सेवाओं के लिए एक महत्वपूर्ण समर्थक एवं प्रेरक बल है, चाहे वह इंटरनेट हो या दूरसंचार, प्रिसीजन इंजीनियरी उद्योग, विमानन, ऊर्जा या फिर बैंकिंग हो। किसी भी सेवा की कल्पना करें, वह इलेक्ट्रॉनिकी के बिना संभव नहीं है। तेजी से बढ़ते भारतीय इलेक्ट्रॉनिकी उद्योग को मोटे तौर पर छह खण्डों में विभाजित किया जा सकता है। वे हैं उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिकी (बाजार के सबसे बड़ा भाग), औद्योगिक इलेक्ट्रॉनिकी, सामरिक इलेक्ट्रॉनिकी, कम्प्यूटर, संचार एवं प्रसारण उपकरण तथा इलेक्ट्रॉनिक संघटक-पुर्जे।
इलेक्ट्रॉनिकी क्षेत्र का मुख्य फोकस अनुसंधान एवं विकास है जिसके फलस्वरूप अभिनव उत्पाद तैयार होते हैं। नाइलिट ने काफी पहले अनुसंधान एवं विकास को इलेक्ट्रॉनिकी आर्थिक प्रणली का एक अभिन्न अंग माना है और देश के अनुसंधान एवं विकास की सम्पूर्ण मूल्य श्रृंखला को समर्थन प्रदान कर रही है, जिसमें संघटक-पुर्जों से लेकर जटिल उत्पाद विकास शामिल हैं।
भारतीय इलेक्ट्रॉनिकी क्षेत्र का विकास करने, इसे मजबूत बनाने तथा प्रतिस्पर्धात्मकता में अभिवृद्धि करने के एक रोडमैप के रूप में, नाइलिट ने पूरे भारत के उच्चतर अधिगम के विभिन्न शैक्षिक संस्थानों तथा अनुसंधान एवं विकास प्रयोगशालाओं में उनके लिए निर्धारित क्षेत्रों में विविध योजनागत कार्यक्रमों के माध्यम से प्रायोजित अनुसंधान एवं विकास के कार्यकलाप करने के लिए इलेक्ट्रॉनिकी में अनुसधान एवं विकास समूह नामक एक समूह का गठन किया है। समूहों को दी गई जटिल परियोजनाओं में व्यापक किस्म के प्रमुख प्रौद्योगिकी क्षेत्र आते हैं। इनमें नैनोप्रौद्योगिकी, चिकित्सा इलेक्ट्रॉनिकी, माइक्रोइलेक्ट्रॉनिकी, औद्योगिक इलेक्ट्रॉनिकी आदि शामिल हैं।