ई-शासन

विगत वर्षों के दौरान, विभिन्न राज्य सरकारों तथा केन्द्रीय मंत्रालयों ने ई-शासन के युग में प्रवेश करने के लिए भारी मात्रा में प्रयास आरम्भ किए हैं। लोक सेवाओं की प्रदायगी में सुधार करने तथा उनकी प्रक्रियाओं को सरल बनाने के लिए विविध स्तरों पर निरन्तर प्रयास किए गए हैं।

भारत में ई-शासन के विकास के अन्तर्गत सरकारी विभागों के कम्प्यूटरीकरण से आगे बढ़कर शासन की सूक्ष्म बिन्दुओं को शामिल करने के प्रयास किए गए हैं, जैसे कि नागरिक केन्द्रिकता, सेवा उन्मुखता एवं पारदर्शिता। ई-शासन के पिछले प्रयासो से प्राप्त शिक्षा ने देश के लिए प्रगतिशील ई-शासन की कार्यनीति को एक मूर्त्त रूप देने में महत्वपूर्ण निभाई है। इस धारणा को समुचित मान्यता दी गई है कि राष्ट्रीय, राज्य तथा स्थानीय स्तरों पर सरकार की विभिन्न शाखाओं में ई-शासन के कार्यान्वयन में तेजी लाने के लिए एक कार्यक्रम का दृष्टिकोण अपनाना आवश्यक है, जो एक सर्वमान्य विजन तथा कार्यनीति द्वारा चालित होगा। इस दृष्टिकोण से मुख्य एवं समर्थक मूलसंरचना का साझा करने, मानकों के जरिए अन्तर-प्रचालनीयता का समर्थन देने, तथा सरकार से नागरिक का एक अविच्छिन्न परिदृश्य प्रस्तुत करने के जरिए लागत में भारी बचत होने की संभावना है।

नाइलिट, गंगटोक पूरे देश में ई-शासन के प्रयासों का एक सम्पूर्ण परिदृश्य का अवलोकन करता है, एक सामूहिक विजन में उनका एकीकरण करते हुए एक साझाकृत अभिप्राय प्रस्तुत करता है। इस विचार के आधार पर एक व्यापक देशव्यापी मूलसंरचना दूर-दराज के गाँवों तक पहुँच रही है और बड़ी मात्रा में रिकार्डों का अंकीयकरण हो रहा है जिससे उन्हें इंटरनेट के माध्यम से आसानी एवं विश्वसनीय रूप में प्राप्त किया जा सके। अंतिम उद्देश्य सार्वजनिक सेवाओं को नागरिकों के घर तक ले जाना है।

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