प्रस्तावना
इस केंद्र के इतिहास की शुरुआत सन् 1974 से प्रारंभ होती है, जब इलेक्ट्रॉनिक्स' विभाग (जिसे अब इलेक्ट्रॉनिक्स' एवं सूचना प्रोद्य़ोगिकी मंत्रालय के नाम से जाना जाता है) एबं विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यू जी सी) ने स्विस विकास निगम की सहायता से भारतीय विज्ञान संस्थान (आईआईएससी), बैंगलोर के परिसर के भीतर पहले इलेक्ट्रॉनिक्स डिजाइन एवं प्रौद्योगिकी केंद्र (सी ई डी टी) की स्थापना की थी ।
सीईडीटी, बैंगलोर के एक दशक तक कुशलता पूर्वक चलने के बाद, इलेक्ट्रॉनिक्स' विभाग (जो अब इलेक्ट्रॉनिक्स' एवं सूचना प्रोद्य़ोगिकी मंत्रालय है ) ने इसी तरह के संस्थानों की, सन् 1987 ई. में औरंगाबाद, इम्फाल और श्रीनगर में एवं सन् 1989 ई. में कालीकट, मोहाली और गोरखपुर में की । इन केन्द्रो का मूल उद्देश्य इलेक्ट्रॉनिक्स डिजाइन के विशेष क्षेत्रों में विभिन्न स्तरों पर मानव संसाधन विकसित करना था तथा शैक्षिक संस्थानों और उद्योगों के बीच के अंतर को कम करना था।
औरंगाबाद, कालीकट, गोरखपुर, इम्फाल और श्रीनगर स्थित सीoईoडीoटी केन्द्रो का सन् 2001 ई. में डीoओoईoएoसीoसी (जो की इलेक्ट्रॉनिक्स' एवं सूचना प्रोद्य़ोगिकी मन्त्रालय का एक साइंटिफिक सोसाइटी है) के साथ विलय हो गया । इलेक्ट्रॉनिक्स' एवं सूचना प्रोद्य़ोगिकी के क्षेत्र में राष्ट्रीय महत्व के संस्थान बनाने की दिशा में पहले कदम के रूप में इस संस्थान का नाम 10 अक्टूबर, 2011 ई. में डीoओoईoएoसीoसी से बदलकर 'राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स' एवं सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान (रा.इ.सू.प्रो.सं) कर दिया गया।
रा.इ.सू.प्रो.सं औरंगाबाद केंद्र की स्थापना सन् 1987 ई. में इलेक्ट्रॉनिक्स तथा सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्रों में मानव संसाधनों और बौद्धिक गुणों के विकास के माध्यम से, ज्ञान आधारित उद्यमों को बढ़ावा देने के लिए एक समाधान उन्मुख मॉडल संगठन के रूप में की गई। यह केंद्र डॉ बाबासाहेब आंबेडकर मराठवाडा विश्वविद्यालय (डॉ. बा. आं. एम. य़ू) के सुन्दर एवं हरे भरे परिसर के अंदर सह-स्थित है। इसका परिसर तकरीबन 18 एकड़ से अधिक के क्षेत्र में फैला हुआ है । इसमें 14 अच्छी तरह से सुसज्जित प्रयोगशालाएं और मैकेनिकल कार्यशालाओं क अलावा समृद्ध पुस्तकालय, छात्रों के लिए ब्यायामशाला , सभागार, जलपान गृह, बास्केट बॉल ग्राउंड, वॉली बॉल ग्राउंड, खो खो ग्राउंड इत्यादि अनेकों सुविधाओं हैं ।
इस केंद्र का मुख्य उद्देश्य सूचना, इलेक्ट्रॉनिक्स और संचार प्रौद्योगिकी (आईईसीटी) के विभिन क्षेत्रों में विशेष रूप से इलेक्ट्रॉनिक्स डिजाइन और प्रौद्योगिकी, सूचना प्रौद्योगिकी, इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पाद डिजाइन और विकास, विनिर्माण (इलेक्ट्रॉनिक्स और मैकेनिकल) प्रौद्योगिकी इत्यादि में मानव संसाधनों को प्रशिक्षित करना है और एप्लाइड शोध और कंसल्टेंसी को बढ़ावा देना है। यह केंद्र निम्न उद्देश्यों की पूर्ती के लिए काम कर रहा है: १. एक अभिनव एवं उद्यमी भावना को प्रोत्साहित करना तथा उच्चस्तरीय शिक्षण और शोध के माध्यम से आईटी और इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्रों में नेतृत्व क्षमता को विकसित करना। २. औपचारिक और अनौपचारिक शिक्षा प्रणाली द्वारा आईआईओसीओटी और संबद्ध क्षेत्रों में ज्ञान आधारित कौशल विकास के माध्यम से उद्योगों के अनुपयुक्त उच्चस्तरीय एवं गुणवत्ता वाले पेशेवरों को त्यार करना । ३. परीक्षा और प्रमाणीकरण के लिए विश्व स्तरीय मान्यता प्राप्त एक गुणवत्ता प्रणाली स्थापित करना जो की छात्रों की योगयताओं का निष्पक्ष मूल्यांकन कर सके । ४. उद्योगों, अनुसंधान एवं विकास के क्षेत्रों में काम कर रहे शैक्षिक संस्थानों के साथ घनिष्ठ संबंध बनाना ताकि इलेक्ट्रॉनिक्स, सूचना प्रौद्योगिकी और औद्योगिक डिजाइन संस्कृति को बढ़ावा मिल सके । ५. उद्यमियों, विशेषज्ञों और डिजाइनरों के समूह को विकसित करना जो अनुसंधान कार्य करने में तथा औद्योगिक परामर्श देने में सक्षम हों । ६. इलेक्ट्रॉनिक्स, सूचना प्रौद्योगिकी, औद्योगिक डिजाइन और उत्पादन तकनीकों में ई-प्रशिक्षण की सुविधा प्रदान करना ।
इस केंद्र की औद्योगिक सत्रीय प्रयोगशालाएं, सीoएoडी / सीoएoएम, उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स, एम्बेडेड सिस्टम डिज़ाइन, औद्योगिक स्वचालन, इंटरनेट ऑफ थिंग्स, नेटवर्क और सर्वर सुविधाएं, ओपन सोर्स कंप्यूटिंग, ऑप्टो इलेक्ट्रॉनिक्स प्रिन्टेड सर्किट बोर्ड, पावर इलेक्ट्रॉनिक्स लैब, परीक्षण एवं मापन और वीoएलoएसoआई डिजाइन जैसे क्षेत्रों में नवीनतम प्रणालियों और विकास उपकरणों से पूरी तरह सुसज्जित हैं ।
ढेरों संदर्भ पुस्तकों, पत्रिकाओं, जर्नलों के अलावा इस केंद्र के छात्रों के पास, इलेक्ट्रॉनिक्स' एवं सूचना प्रोद्य़ोगिकी मन्त्रालय के लाइब्रेरी कंसोर्टियम एवं राष्ट्रीय ज्ञान नेटवर्क (एनoकेoएन) के नवीनतम ई-जर्नलों और किताबों के समृद्ध संग्रह को इस्तेमाल करने की सुविधा भी प्राप्त है । नेशनल नॉलेज नेटवर्क (राष्ट्रीय ज्ञान नेटवर्क अथवा एन॰के॰एन॰) ज्ञान से संबंधित संस्थानों के लिए एक एकीकृत उच्च गति वाला बहु-गीगाबिट अखिल भारतीय नेटवर्क है। इसका उद्देश्य शिक्षा के क्षेत्र में अच्छा इन्टरनेट उपलब्द्ध करवाना है । देश भर के विश्वविद्यालय, शोध केंद्र, पुस्तकालय, प्रयोगशालायें, कृषि संस्थान तथा स्वास्थय केंद्र इस से जुड़े हुआन हैं ।
इस केंद्र की सभी प्रयोगशालाएं, पुस्तकालय और कार्यालय, केंद्रीय नेटवर्क के माध्यम से जुड़े हुए हैं और छात्र अपने टर्मिनल से वाई-फाई सिस्टम के माध्यम से कोई भी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। इसके अलावा यह केंद्र समय समय पर कृषि-इलेक्ट्रॉनिक्स, इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पाद डिजाइन, बौद्धिक संपदा अधिकार (आई पी आर), न्यूरल नेटवर्क, ई-लर्निंग जैसे क्षेत्रों में राष्ट्रीय स्तर पर सेमिनारों और कार्यशालाओं का आयोजन करता है।
यह केंद्र इलेक्ट्रॉनिक्स' एवं सूचना प्रोद्य़ोगिकी में, औपचारिक और अनौपचारिक दोनों क्षेत्रों में विविध पाठ्यक्रम करवा रहा है । औपचारिक क्षेत्र मैं इस केंद्र के जिन पाठ्यक्रमों की सबसे ज्यादा मांग है उनमे सन् 1987 ई. से प्रदान किया जाने वाला इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादन और रखरखाव में डिप्लोमा, सन् 1990 ई. से प्रदान किया जाने वाला एमoटेक (इलेक्ट्रॉनिक्स डिजाइन एंड टेक्नोलॉजी), सन् 2013 ई. से प्रदान किया जाने वाला बीओटेक (इलेक्ट्रॉनिक्स सिस्टम इंजीनियरिंग) शामिल हैं तथा यह केंद्र पीoएचoडी की डिग्री प्राप्त करना हेतु शोध करने के लिए मान्यता प्राप्त अग्रणी अनुसंधान केंद्र भी है ।
अनौपचारिक क्षेत्र में, यह केंद्र इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी के उभरते क्षेत्रों में तक़रीबन 25 एनoएसoक्यूoएफ संरळित डिप्लोमा और सर्टिफिकेट पाठ्यकर्म करवा रहा है जिसमे एंड्रॉइड में मोबाइल एप्लिकेशन डेवलपमेंट, वेब डिज़ाइनिंग, डॉट नेट में वेब डेवलपमेंट, सीoआरoओ का उपयोग कर सीoएoडी का उपयोग, प्रिन्टेड सर्किट बोर्ड (डिजाइन, विश्लेषण और विनिर्माण तकनीक), योजक विनिर्माण / 3-डी प्रिंटिंग, कंप्यूटर अनुप्रयोग लेखा और प्रकाशन, लिनक्स, अपाचे, माई एस क्यू एल और पीएचपी, आर्डिनो / रास्पबेरी पीआई आधारित एंबेडेड सिस्टम डिज़ाइन, साइबर सिक्योरिटी इत्यादि शामिल हैं ।
पीoपीoपी मॉडल के तहत यह केंद्र देश भर में, सूचना प्रौद्योगिकी में (ओ / ए / बी / सी स्तर), कंप्यूटर हार्डवेयर मैंटेनस में (ओ / ए स्तर) और डिजिटल साक्षरता में (बीसीसी / सीसीसी / सीसीसी + / ईसीसी स्तर) इत्यादि पाठ्यक्रमों में शिक्षा प्रदान करवा रहा है । इनमें से कुछ पाठ्यक्रम महाराष्ट्र सहित कई राज्य सरकारों द्वारा रोजगार उद्देश्यों के लिए मान्यता प्राप्त हैं (http://nielit.gov.in/content/recognition-0)।
यह केंद्र समय समय पर बजाज ऑटो लिमिटेड, वीडियोकॉन, स्टरलाइट, सीमेंस, मेल्ट्रॉन, महाराष्ट्र पुलिस वायरलेस जैसे अग्रणी उद्योगों को परामर्श भी प्रदान करता है ।
यह केंद्र सूचना प्रौद्योगिकी, इलेक्ट्रॉनिक्स उपकरण मरम्मत और रखरखाव, बीपीओ (ग्राहक देखभाल और बैंकिंग) इत्यदि अनेकों क्षेत्रों में शिक्षा के द्वारा कौसल विकास के माध्यम से अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति, ग्रामीण, अल्पसंख्यक, महिलाओं और समाज के अन्य वंचित स्तर के तथा कमजोर वर्ग के छात्रों के सशक्तिकरण के लिए विभिन परियोजनाओं पर काम कर रहा है ताकि इन वर्गों की आजीविका के साधन बढ़ सकें ।
यह केंद्र भारतीय सेना के जवानो के सीएचएम ओ-लेवल कोर्स द्वारा कौशल विकास के लिए भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा प्रायोजित एक परियोजना को भी कार्यान्वित कर रहा है ।
यह इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (इ.सू.प्रो.मं) द्वारा प्रायोजित ईoएसoडीoएम योजना भी कार्यान्वित कर रहा है जिसमे इलेक्ट्रॉनिक्स डिजाइन और प्रोडक्शन टेक्नोलॉजीज के क्षेत्रों में मानव संसाधन का विभिन सत्रों पर विकास शामिल है । इसके अलावा यह केंद्र ई-अपशिष्ट प्रबंधन, आईoएसoईoए और व्यापारियों के लिए डिजिटल मार्केटिंग आदि योजनाओं को कार्यान्वित कर रहा है ।
इस केंद्र के छात्रों को इलेक्ट्रॉनिकी क्षेत्र में अनुसंधान एवं विकास इंजीनियरों के रूप में कार्य करने के लिए प्रशिक्षित किया जाता है । यहाँ से शिका प्राप्त छात्र सीजी कोरल, ल्यूसेंट इंडिया, टेक्सास, एलएंडटी, एचसीएल, विप्रो टेक्नोलॉजीज, बीआईटीएस, आईआईटी, बीईएल, एचएएल, इसरो, डीआरडीओ, बीएआरसी, ईसीआईएल, मेसंग, थर्माक्स, हनीवेल साइरस लॉजिक एल एंड टी, ईएमएसवाईएस जैसे कुछ प्रमुख और प्रतिष्ठित संगठनों में काम कर रहे हैं ।
अपने उत्कृष्टता, अखंडता, पारदर्शिता, गुणवत्ता, सामूहिक संघ कार्य, जुनून, विश्वास, निरंतर और छात्र केंद्रित शिक्षा आदि अपने मूल सिद्धान्तों के लिए काम की वजह से रा.इ.सू.प्रो.सं के औरंगाबाद केंद्र ने शिक्षा संस्थानों और उद्योगिकीया आवश्यकताओं के बीच अंतर को कम करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है तथा इसे कई क्षेत्रों में अग्रणी बना दिया है ।
हमारा लक्ष्य तकनीकी, शिक्षा और अनुसंधान में मानव संसाधन विकास और उत्कृष्टता में वैश्विक नेतृत्व हासिल करना है। |
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