अगरतला केंद्र का मूल और उद्देश्य
रा.ई.सू.प्रौ.सं. अगरतला केंद्र का उद्देश्य त्रिपुरा के युवा को संगणक विज्ञान एवं सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में मज़बूत बुनियादी ढाँचे और प्रशिक्षित संकाय - सदस्य द्वारा सरल और गुणवक शिक्षा मुहैय्या कराना है जिससे योग्य एवं नियोजनीय जनशक्ति उत्पन्न हो।
त्रिपुरा सरकार नें ७,000 वर्ग फीट की निर्मित जगह सूचना प्रौद्योगिकी निदेशालय, आईटीआई रोड, इंद्रानगर, अगरतला - 799 006 में प्रदान करी है। रा.ई.सू.प्रौ.सं. अगरतला केंद्र की प्रारंभिक प्रशिक्षण सुविधा का औपचारिक रूप से उद्घाटन 10 फ़रवरी 2009 को मानिक सरकार, मुख्यमंत्री त्रिपुरा नें किया।
त्रिपुरा सरकार नें रा.ई.सू.प्रौ.सं. अगरतला केंद्र को स्थायी बुनियादी सुविधाओं की स्थापना के लिए अगरतला के पास औद्योगिक विकास केंद्र, राधा किशोर नगर, मौज़ा में 15.00 एकड़ भूखंड आवंटित किया है। इसी दौरान, इस भूमि का औपचारिक अधिग्रहण रा.ई.सू.प्रौ.सं. अगरतला केंद्र द्वारा प्राप्त कर लिया गया है।
रोजगार के अवसरों में सुधार एवं गुणवत्ता आईटी जनशक्ति की उपलब्ध हेतु, केंद्र प्रशिक्षण कार्यक्रमों की पेशकश करेगा जिससे क्षेत्र में आईटी उद्योग के विकास को बढ़ावा मिलेगा । संस्थान को ई-शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए अपेक्षित बुनियादी सुविधाओं से लैस किया जाएगा। संस्थान ई- शिक्षा एवं आईटी उद्योग के विकास के लिए संबंधित सहायता एवं परामर्श प्रदान करेगा और त्रिपुरा सरकार के समन्वय के साथ कार्य करेगा।
स्थायी परिसर में इस संस्थान को ई-शिक्षा और सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में उत्कृष्टता का एक केंद्र बनाया गया है। प्रस्तावित रा.ई.सू.प्रौ.सं. अगरतला केंद्र की विशेषता औपचारिक और अनौपचारिक पाठ्यक्रमों का मिश्रण है। इस तरह के एक मिश्रण न केवल विज्ञान और गणित की पृष्ठभूमि के साथ स्कूल से पारित बहिष्कार करने के लिए कंप्यूटर और सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में शिक्षा और प्रशिक्षण के लिए अवसर और संबंधित विषयों प्रदान करेगा; लेकिन यह भी कला, वाणिज्य और मानविकी और सामाजिक विज्ञान पृष्ठभूमि के साथ छात्रों के लिए। उत्तरार्द्ध इस प्रकार कंप्यूटर और संबंधित विषयों में गैर-औपचारिक क्षेत्र के पाठ्यक्रमों में शामिल होने का अवसर होगा।