चिकित्सा इलेक्ट्रॉनिकी
यह एक चल रही परियोजना है जिसे संचार और सूचना प्रौद्योगिकी विभाग, भारत सरकार द्वारा प्रायोजित किया गया है।
उद्देश्य :
- नागालैण्ड के विभिन्न अस्पतालों के चिकित्सा इलेक्ट्रॉनिकी उपस्करों की मरम्मत तथा अनुरक्षण के लिए नाइलिट कोहिमा में एक चिकित्सा इलेक्ट्रॉनिकी अनुसंधान एवं विकास प्रयोगशाला स्थापित करना।
- नागालैण्ड के विभिन्न सरकारी एवं निजी अस्पतालों के पराचिकित्सकीय एवं चिकित्सकीय कर्मचारियों तथा युवाओं को विभिन्न चिकित्सा इलेक्ट्रॉनिकी उपस्करों के परीक्षण, अंशांकन एवं मरम्मत के बारे में स्थानीय भाषा में प्रशिक्षण प्रदान करना जिससे अस्पतालों के दोषपूर्ण उपस्करों के नहीं चलने के कारण अस्पतालों तथा मरीजों के समक्ष उत्पन्न होने वाली प्रमुख समस्याओं का समाधान किया जा सके।
विशिष्ट लक्ष्य :
75 युवाओं तथा पराचिकित्सकीय कर्मचारियों को चिकित्सा इलेक्ट्रॉनिकी उपस्करों के अनुरक्षण में प्रशिक्षित करना।
लक्षित समूह :
अनुसूचित जनजाति के युवा तथा पराचिकित्सकीय कर्मचारी
वर्तमान स्थिति :
- नाइलिट कोहिमा में चिकित्सा इलेक्ट्रॉनिकी प्रयोगशाला अब एक पूर्णतः कार्यरत प्रयोगशाला के रूप में चल रही है जिसमें अद्यतन तकनीकी जानकारी की मूलसंरचना तथा सुविधाएँ उपलब्ध हैं।
- चिकित्सा इलेक्ट्रॉनिकी उपस्करों के अनुरक्षण पर छह (6) माह का एक सर्टिफिकेट/डिप्लोमा पाठ्यक्रम नवम्बर 2015 से आरम्भ किया गया है तथा 21 प्रशिक्षार्थियों को दाखिल किया गया है।
हालही में एक क्षेत्रीय दौरे का आयोजन सफलतापूर्वक किया गया जिसमें कोहिमा जिले के जिला अस्पतालों तथा सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों को शामिल किया गया। इस दौरे के दौरान नाइलिट की जनशक्ति ने एक्स-रे मशीन, दन्त्य एक्स-रे मशीन, ओटी लैब, इनक्यूबेटर, सेन्ट्रिफ्यूज आदि जैसे अकार्यशील उपस्करों की मरम्मत प्रशंसनीय रूप में की।