प्रस्तावना

नाइलिट, गोरखपुर केन्द्र (पूर्वतन डीओईएसीसी सोसायटी, गोरखपुर केन्द्र) की स्थापना जून, 1989 में भारतीय इलेक्ट्रॉनिकी डिजाइन एवं प्रौद्योगिकी केन्द्र (सीईडीटीआई) के रूप में की गई थी। यह संचार और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय, भारत सरकार के प्रशासनिक नियंत्रण के अन्तर्गत एक स्वायत्त संस्था है। यह लघु क्षेत्र के सूचना प्रौद्योगिकी उद्योगों तथा संबद्ध क्षेत्रों की प्रशिक्षण, परामर्श-सेवा, डिजाइन एवं उत्पाद विकास संबंधी आवश्यकताओं को पूरा करता है। यह उद्यमकर्ताओं के संवर्धन के लिए भी प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाता है।

इस केन्द्र का कुल आच्छादित क्षेत्र 3450 वर्ग मीटर है तथा 70 विद्यार्थियों के लिए छात्रावास भवन है। सरकार (इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी विभाग) के कार्यालय ज्ञापन सं. 15 (45)/2002 Gov दिनांक 29 नवम्बर, 2002 के अनुसार इस समय नाइलिट सोसायटी, भारत सरकार के प्रशासनिक नियंत्रण के अधीन है।

नाइलिट, गोरखपुर को एम.टेक [इलेक्ट्रॉनिकी डिजाइन एवं प्रौद्योगिकी] पाठ्यक्रम चलाने के लिए उत्तर प्रदेश तकनीकी विश्वविद्यालय, लखनऊ द्वारा संबद्धता प्रदान की गई है। यह ‘ओ’ तथा ‘ए’ स्तर सॉफ्टवेयर पाठ्यक्रमों, जैव-सूचना विज्ञान में ‘ओ’ तथा ‘ए’ स्तर और ‘ओ’ तथा ‘ए’ स्तर हार्डवेयर पाठ्यक्रमों के लिए एक प्रत्यायित केन्द्र भी है। 

नाइलिट, गोरखपुर सूचना प्रौद्योगिकी तथा इलेक्ट्रॉनिकी में शिक्षण, प्रशिक्षण, अनुसंधान एवं विकास तथा परामर्श-सेवा के लिए एक अग्रणी संस्थान है। यह अतर्निर्मित प्रणालियों, वीएलएसआई, यंत्रीकरण, जैव-सूचना विज्ञान, आईटीईएस-बीपीओ, सूचना सुरक्षा, साइबर कानून, नेटवर्किंग तथा सूचना प्रौद्योगिकी के अन्य क्षेत्रों के लिए पाठ्यक्रम आयोजित करता है। 

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