ई-शासन
परियोजना का नाम : पूर्वोत्तर राज्यों के अनुसूचित जनजाति युवाओं के लिए ई-शासन में क्षमता निर्माण सर्टिफिकेट कार्यक्रम।
अवधि : 12 महीने (जुलाई, 2012 से आरम्भ होकर)
उद्देश्य :
- पूर्वोत्तर राज्यों के अनुसूचित जनजाति स्नातकों को ई-शासन में क्षमता निर्माण सर्टिफिकेट पाठ्यक्रम में प्रशिक्षित करना।
- स्वयं सेवी संगठनों/स्व-सहायता समूहों/उद्यमकर्ताओं/राज्य सरकार के अधिकारियों में विभिन्न ई-शासन सेवाओं के बारे में जागरूकता तैयार करने के लिए ई-शासन में अल्पावधि प्रशिक्षण/कार्यशालाओं का आयोजन करना।
संभावित परिणाम :
प्रस्तावित प्रशिक्षण कार्यक्रम मिज़ोरम राज्य में ई-शासन के क्षेत्र में किए गए विभिन्न प्रयासों के बारे में जागरूकता का सृजन करेंगे।
ई-शासन की सफलता युवाओं पर निर्भर करती है क्योंकि वे ही भावी पीढ़ी हैं। युवाओं में ई-शासन के प्रति जागरूकता को बढ़ावा देने से ई-शासन के अन्तर्गत मान्यता तथा सेवाओं में अभिवृद्धि होगी।