अनुसंधान एवं विकास

नाइलिट द्वारा समर्थित अनुसंधान एवं विकास कार्यक्रमों का मुख्य उद्देश्य सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में उदीयमान प्रौद्योगिकियों के प्रसार एवं आत्मसातीकरण की सुविधा प्रदान करना, क्षमता निर्माण की सुविधा प्रदान करना, सही मूलसंरचना का सृजन करना तथा विद्यमान प्रौद्योगिकियों को देश के नागरिकों को कम मूल्यों पर उपलब्ध कराना है। वैश्विक ज्ञान अर्थव्यवस्था में अगुवाई करने का यही एकमात्र मार्ग है। नाइलिट ने काफी पहले अनुसंधान एवं विकास को इलेक्ट्रॉनिक आर्थिक प्रणाली का एक अभिन्न अंग स्वीकार किया है और देश में अनुसंधान एवं विकास से संबंधित कार्यकलापों की समूची मूल्य श्रृंखला का समर्थन कर रही है जिसमें मूलभूत संघटक-पुर्जों से लेकर परिष्कृत उत्पाद विकास शामिल हैं।

भारतीय इलेक्ट्रॉनिकी क्षेत्र की प्रतिस्पर्धात्मक क्षमता का विकास करने, उसे मजबूत करने तथा उसमें अभिवृद्धि करने के एक रोडमैप के रूप में, नाइलिट ने उच्चतर अधिगम के विभिन्न शैक्षिक संस्थानों तथा अनुसंधान एवं विकास प्रयोगशालाओं में अपने विविध योजनागत कार्यक्रमों के जरिए निर्धारित क्षेत्रों में पूरे भारत में अनुसंधान एवं विकास के कार्यकलाप करने के प्रयोजन से इलेक्ट्रॉनिकी ग्रुप में अनुसंधान एवं विकास नामक एक समूह का गठन किया है। इस समूह के लिए निर्धारित परिष्कृत परियोजनाओं में मुख्य प्रौद्योगिकी क्षेत्रों के व्यापक परिदृश्य शामिल हैं। इनमें नैनोप्रोद्योगिकी, चिकित्सा इलेक्ट्रॉनिकी, माइक्रोइलेक्ट्रॉनिकी, औद्योगिक इलेक्ट्रॉनिकी आदि का विकास शामिल है।     

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