निदेशक के डेस्क से

मुझे अपने संगठन, नाइलिट ईटानगर केन्द्र के बारे में कुछ कहने का गौरव प्राप्त हुआ है। नाइलिट ईटानगर की विशेषज्ञता का क्षेत्र विभिन्न दीर्घावधि तथा अल्पावधि पाठ्यक्रमों के माध्यम से सूचना, इलेक्ट्रॉनिकी एवं संचार प्रौद्योगिकी (आईईसीटी) के क्षेत्र में कुशलता का विकास करना है।

यह केन्द्र विभिन्न नाइलिट पाठ्यक्रम चलाता है जैसे कि नाइलिट ‘ए’ स्तर, नाइलिट ‘ओ’ स्तर, सीएचएम-ओ आदि।  यह केन्द्र जुलाई, 2016 शैक्षिक सत्र से 3 वर्ष का एक कम्प्यूटर अनुप्रयोग में स्नातक (बीसीए) पाठ्यक्रम भी शुरू कर रहा है। यह पाठ्यक्रम राजीव गांधी विश्वविद्यालय (केन्द्रीय विश्वविद्यालय), दोईमुख, ईटानगर से सम्बद्ध होगा।

अन्य अल्पावधि पाठ्यक्रमों का उद्देश्य प्रौद्योगिकी के मुख्य क्षेत्रों में प्रवीणता तथा कार्य के माध्यम से कुशलता प्रदान करना है। मुख्य जोर विद्यार्थियों द्वारा औपचारिक पाठ्यक्रमों को पूरा करने के उपरान्त उनकी विशेषज्ञता के क्षेत्र में अद्यतन प्रगति से उनके ज्ञान को अद्यतन बनाना है। यह अपेक्षा विशेष रूप से इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र के लिए प्रासंगिक है क्योंकि इसमें हमेशा तेजी से परिवर्तन होता रहता है। वर्ष 2011 में इसकी स्थापना के समय से ही इस केन्द्र ने विभिन्न दीर्घावधि तथा अल्पावधि पाठ्यक्रमों के माध्यम से 2,500 से ज्यादा विद्यार्थियों/उम्मीदवारों को प्रशिक्षित किया है। केन्द्र अब अरुणाचल प्रदेश राज्य को आईईसीटी के क्षेत्र में अग्रणी बनाने के उद्देश्य से पर्याप्त मूलसंरचना से सुसज्जित करने की योजना बना रहा है। इसके अलावा, कार्पोरेट प्रशिक्षण कार्यक्रम, परामर्श-सेवा परियोजनाएँ तथा प्रायोजित कार्यक्रम विभिन्न एजेंसियों के साथ मिलकर चलाए जा रहे हैं।

कुछ सुविधाओँ में विशिष्ट इलेक्ट्रॉनिक प्रयोगशालाएँ जैसे कि इलेक्ट्रॉनिकी एवं हार्डवेयर अनुरक्षण प्रयोगशाला, हार्डवेयर एवं नेटवर्किंग प्रयोगशाला, सूचना प्रौद्योगिकी प्रयोगशाला आदि शामिल हैं।

नाइलिट ईटानगर केन्द्र का एक विस्तार केन्द्र अरुणाचल प्रदेश के दक्षिण-पूर्व भाग के पासीघाट शहर में स्थापित किया जा रहा है। इस विस्तार केन्द्र में प्रशिक्षण के कार्यकलाप दिसम्बर, 2015 से आरम्भ होगा। एक और विस्तार केन्द्र तेजू, लोहित जिला मे स्थापित किया जाएगा। इन विस्तार केन्द्रों के फलस्वरूप, नाइलिट का लक्ष्य राज्य में डिजिटल साक्षरता के अभियान को उन स्थानों तक पहुँचाने की अगुवाई करना है जहाँ अभी तक पहुँचा नहीं गया है। इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए, केन्द्र ने नाहरलगुन स्थित शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में एक अध्ययन केन्द्र खोला है। दूसरे जिलों में भी ऐसे अध्ययन केन्द्र खोलने की दिशा में कार्रवाई की जा रही है।

अन्त में, संगठन की ओर से मैं नाइलिट परिवार के विकास के लिए सभी से सहयोग करने का अनुरोध करता हूँ जिससे भारत को डिजिटल की दृष्टि से शक्तिशाली बनाने के लिए अधिक से अधिक योगदान मिल सके। वर्ष 2025 तक विकसित भारत का सपना साकार हो। 

                                                                                                                                                 

(एन. देबचन्द्र सिंह)

प्रभारी निदेशक

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