माननीय मंत्री, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी तथा विधि और न्याय (अध्यक्ष, अधिशासी परिषद) का संदेश

मुझे राष्ट्रीय इलेक्ट्रानिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान (नाइलिट) का 20वाँ वार्षिक प्रतिवेदन तथा वर्ष 2014-15 की लेखाओं का सम्परीक्षित विवरण एवं लेखा-परीक्षकों की रिपोर्ट प्रस्तुत करते हुए अत्यन्त प्रसन्नता हो रही है।

प्रौद्योगिकी ने अत्यधिक प्रगति प्राप्त की है और भारत डिजिटल क्रांति के शिखर पर बैठा हुआ है, जो देश के सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक एवं सांस्कृतिक परिदृश्य को बदलने जा रहा है। भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी तथा सूचना प्रौद्योगिकी समर्थित कम्पनियों ने विश्वभर में सेवाओं तथा नव परिवर्तन की दृष्टि से उल्लेखनीय रूप में उत्तम कार्य किया है।

सरकार ने अपने महत्वकांक्षी ‘‘डिजिटल भारत‘‘ कार्यक्रम का शुभारंभ किया, जो तीन मूलभूत स्तंभों पर आधारित है- प्रत्येक नागरिक के लिए उपयोगिता के रूप में डिजिटल अवसंरचना, माँग पर शासन और सेवाएं तथा नागरिकों का डिजिटल सशक्तिकरण, का सृजन करना है।

डिजिटल सशक्तिकरण, डिजिटल साक्षरता के अभिप्राय से संदर्भित है कि, जो जनसाधारण साक्षर नहीं है उन्हें डिजिटल उपकरणों के उपयोग में प्रशिक्षित करना है, ताकि, ई-गवर्नेंस एवं डिजिटल सेवाओं तथा अपने जीवन में सार्थक परिवर्तन का लाभ लें सकें। इस संदर्भ में, नाइलिट की महत्वपूर्ण भूमिका है। पीपीपी फ्रेमवर्क में निजी प्रशिक्षण भागीदारी के साथ-साथ अपने केंद्रों के बढ़ते हुए नेटवर्क के साथ नाइलिट राष्ट्रीय डिजिटल साक्षरता मिशन (‘दिशा‘ के रूप में विदित) को आगे ले जाने की ओर उपयुक्त रूप से अग्रसर है जिसका लक्ष्य डिजिटल विभाजन को दूर करना है।

‘मेक इन इंडिया’ के शुभारंभ के साथ, इलेक्ट्रानिकी प्रणाली डिजाइन एवं विनिर्माण (ईएसडीएम) के क्षेत्र में कुशल जनशक्ति की उपलब्धता का सुनिश्चय करना आवश्यक हो गया है। डीईआईटीवाई की ईएसडीएम कौशल विकास योजना, जिसमें चार वर्षों की अवधि में चार लाख से अधिक विद्यार्थियों को कौशल प्रदान करने का लक्ष्य है, के क्रम में नाइलिट द्धारा निभाई गई महत्वपूर्ण भूमिका की सराहना की गई। मुझे बताते हुए हर्ष भी है कि नाइलिट ने छोटे तथा मध्यम विक्रेताओं जैसे कारीगरों एवं बुनकरों के लिए डिजिटल विपणन पाठक्रमयो  का शुभारंभ किया है, जिससे उन्हें अपने उत्पादों को विपणन एवं विक्रय करने में ई-वाणिज्य के उपयोग द्धारा सुक्षमताओं का ज्ञान प्राप्त करके अपनी व्यवसायिकी संभावनाओं में वृद्धि करने में सहायता मिलेगी।

दोनों ही औपचारिक एवं अनौपचारिक क्षेत्रों में प्रशिक्षण कार्यक्रमों के अतिरिक्त, नाइलिट ने सरकारी विभागों की ओर से प्रायोजित परियोजनाएं तथा परामर्श-सेवाओं का शुभारंभ किया है और मैं विशेष रूप से मुफि़्सस्ल तथा सुदूर क्षेत्रों के युवाओं व महिलाओं को प्रशिक्षित करने में, नाइलिट के प्रयासों की सराहना करता हूँ।

मैं नाइलिट के चहुँमुखी विकास के लिए बधाई देता हूँ और अपने सभी प्रयासों में संगठन की और अधिक सफलता की कामना करता हूँ। 

                                                                                                                                                                                   

 

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