स्नातकोत्तर डिप्लोमा पाठ्यक्रम

अन्तर्निर्मित प्रणालियाँ / वीएलएसआई डिजाइन / इलेक्ट्रॉनिक डिजाइन एवं स्वचालन

अन्तर्निर्मित प्रणालियाँ कम्प्यूटर (माइक्रोप्रोसेसर) हैं जो विशिष्ट आवश्यकता के हार्डवेयर में शामिल (अन्तर्निर्मित) हैं। सुवाह्य चिकित्सा उपकरण, सेल्युलर फोल, या उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक वस्सुएँ अन्तर्निर्मित प्रणालियों के उदाहरण हैं। उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिकी की माँग में बढ़ातरी होने के कारण सेमीकण्डक्टरों की वैश्विक माँग वर्ष 2006 में मजबूत रहने की संभावना है। सेमीकण्डक्टर उद्योग संघ (एसआईए) के अनुसार, पूरे विश्व में वर्ष 2005 में 227.5 बिलियन सेमीकण्डक्टरों की बिक्री ने एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है। इस तीव्र विकास ने अन्तर्निर्मित डिजाइन उद्योग में बड़े पैमाने पर आजीविका के अवसरों का मार्ग प्रशस्त किया है।

भारत में 130 से ज्यादा चिप डिजाइन फर्म हैं – मेधा के विशाल पूल तथा बढ़ते देशीय बाजार ने देश को चिप डिजाइन के एक महत्वपूर्ण केन्द्र के रूप में उभरने में सहायता की है। पिछले वर्ष देश में अनुसंधान तथा विकास के लिए उद्योग में भारी पूँजीनिवेश हुआ, जो उपलब्ध मेधाओं के संबंध में भारत की संभावनाओं का सूचक है। सॉफ्टवेयर विकास की अपनी क्षमताओं के लिए परम्परागत रूप मे पहचाने जाने वाला देश अब चिप डिजाइन उद्योग में अपनी सक्षमता का प्रदर्शन कर रहा है। सेमीकण्डक्टर उद्योग संघ (एसआईए) तथा वैश्विक परामर्श कम्पनी फ्रॉस्ट एण्ड सलिवन की एक रिपोर्ट के अनुसार तेजी से बढ़ने वाले सेमीकण्डक्टर उद्योग में वर्ष 2015 तक 3.5 मिलियन रोजगार तैयार होने की संभावना है।

भारतीय इंजीनियरों ने अग्रणी प्रौद्योगिकी के विकास में महत्वपूर्ण योगदान करने के जरिए अपने लिए एक प्रमुख स्थान बना लिया है। बहुत बड़े पैमाने के एकीककरण (वीएलएसआई) डिजाइन एवं सॉफ्टवेयर विकास में अपनी क्षमताओं के कारण भारत ने इन बाजारों पर ध्यान केन्द्रित करने के जरिए बाजार के एक बड़े हिस्से में सशक्त रूप मे कब्जा कर लिया है। यह कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि लगभग सभी 10 शीर्षस्थ सेमीकण्डक्टर वेण्डरों ने अपने डिजाइन केन्द्र भारत में स्थापित किए हैं। इसके परिणामस्वरूप, भारत में इलेक्ट्रॉनिक डिजाइन स्वचालन (ईडीए) उद्योग के विकास में भी योगदान मिला है। अग्रणी भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी कम्पनियाँ चिप के क्षेत्र में विश्वस्तरीय कम्पनियों की साझेदारी से उत्पाद इंजीनियरी एवं डिजाइन सेवाएँ भी स्थापित कर रही हैं। अतः आज के इंजीनियरों में विशिष्ट सॉफ्टवेयर विकास के अवसरों के अलावा, हार्डवेयर तथा अन्तर्निर्मित डिजाइन, एकीकृत परिपथों (आईसी) के विकास, फील्ड-प्रोग्रामेबल गेट ऐरे (एफपीजीए) तथा सिस्टम-ऑन-चिप (एसओसी) के क्षेत्र में प्रचुर संभावनाएँ हैं।

अन्तर्निर्मित प्रणाली का बाजार, जो भारतीय अनुसंधान एवं विकास ऑफशोरिंग का एक प्रमुख स्रोत है तथा इस समय वैश्विक स्तर पर इसका आकार 25 बिलियन अमेरिकी डॉलर है, 16% के मिश्रित वार्षिक विकास दर (सीएजीआर) से विकास कर रहा है। एक नैसकॉम-मैकिंज़ी रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत के लिए देशीय अन्तर्निर्मित प्रणाली बाजार वर्ष 2008 तक 9.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर का सृजन करने और 10 बिलियन अमेरिकी डॉलर का निर्यात करने के लिए तैयार है। यह एक प्रमुख क्षेत्र होने के कारण, कम्पनियाँ डिजिटल अनुप्रयोग विशिष्ट एकीकृत परिपथ (एसिक) डिजाइन, वास्तविक डिजाइन, मिश्रित संकेत आईसी डिजाइन, वेरिलॉग, वीएचडीएल या वीएचएसआईसी, वीएलएसआई डिजाइन, परिपथ डिजाइन एवं सिमुलेशन, माइक्रो-कंट्रोलरों, डिजिटल पीसीबी डिजाइन तथा राउटिंग में कार्य के माध्यम से प्रशिक्षित अधिकाधिक पेशेवरों की खोज कर रही हैं। विभिन्न बहुराष्ट्रीय कम्पनियों की विस्तार योजनाएँ तथा भारत के उत्पाद विकास की कुशलता को आगे बढ़ाने की दिशा में नैसकॉम के प्रयास इस बात का सुझाव देते हैं कि अन्तर्निर्मित सॉफ्टवेयर भारत का अगला नवयुग क्षेत्र होगा। लेकिन, भारतीय सेमीकण्डक्टर संघ (आईएसए) का अनुमान है कि इंजीनियरी महाविद्यालय चिप डिजाइन इंजीनियरों के लिए उद्योग की कुल माँग का केवल 20 प्रतिशत ही पूरा कर रहे हैं। संगठनों द्वारा युवा स्नातक तैयार करने में डेढ़ वर्ष का समय लगा देते हैं, हालाँकि हमारे शैक्षिक संस्थान पुराने ढंग के हैं। यदि संस्थानों द्वारा सक्षम पाठ्यसामग्री आरम्भ की जाती है और प्रशिक्षण संस्थानो में प्रोफेशनल प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए उद्योग को शामिल किया जाता है तो इससे उद्योग और शिक्षा जगत दोनों ही लाभान्वित होंगे।

नाइलिट केन्द्र, कालीकट

चूँकि अन्तर्निर्मित प्रणाली डिजाइनरों के लिए बाजार की माँग बहुत अधिक हो गई है तथा इसमें और आगे वृद्धि होने की संभावना है, इसलिए नाइलिट केन्द्र कालीकट  ने अन्तर्निर्मित प्रणालियों में एम.टेक पाठ्यक्रम (कालीकट विश्वविद्यालय  संबद्ध) आरम्भ करने की कार्रवाई शुरू की। अन्तर्निर्मित प्रणालियों में एम.टेक कार्यक्रम जुलाई 2005-06 से 18 विद्यार्थियों को लेकर आरम्भ किया गया जिनमें से 5 प्रायोजित विद्यार्थी थे। इस पाठ्यक्रम को अच्छी प्रतिक्रिया मिली और इस समय जोरदार रूप में चल रहा है। पाठ्यक्रम की अवधि 24 माह (4 सेमेस्टर) है और प्रति विद्यार्थी फीस 30,000 रु. है। इस वर्ष दूसरे बैच का दाखिला पूरा हो गया है और कक्षाएँ 02.08.06 से आरम्भ हो गई हैं।

दीर्घावधि पाठ्यक्रम के अलावा, केन्द्र द्वारा अन्तर्निर्मित प्रणाली तथा वीएलएसआई में निम्नलिखित अल्पावधि पाठ्यक्रम भी चलाए जा रहे हैं।

क्र.सं. पाठ्यक्रम का नाम बैच का आकार अवधि पाठ्यक्रम फीस

1.

ईडी:500:अन्तर्निर्मित प्रणाली डिजाइन में स्नातकोत्तर डिप्लोमा

30

6 माह

46,000 रु.

2.

ईडी:505:अन्तर्निर्मित सॉफ्टवेयर एवं आरटी लिनक्स पाठ्यक्रम 

30

3 सप्ताह

6000 रु.

3.

ईडी 508:अन्तर्निर्मित उत्पाद डिजाइन पाठ्यक्रम

30

2 सप्ताह

4000 रु.

4.

वीएलएसआई डिजाइन में स्नातकोत्तर डिप्लोमा

30

6 माह

30,000 रु.

नाइलिट केन्द्र, इम्फाल

इस केन्द्र ( इम्फाल ) में एक वीएलएसआई एवं अन्तर्निर्मित प्रणाली प्रयोगशाला डीआईटी, एमसीआईटी की एक परियोजना के अन्तर्गत स्थापित की गई है।

चलाए जाने वाले पाठ्यक्रम : वीएलएसआई डिजाइन में दो-माह की अवधि का एक सर्टिफिकेट पाठ्यक्रम जुलाई 2006 से आरम्भ किया गया है। इस पाठ्यक्रम की सामग्री नीचे दिए अनुसार हैं –

1. मॉस ट्रांजिस्टर, मॉस इन्वर्टर, सीमॉस परिपथ एव लॉजिक परिपथ, सीमॉस चिप डिजाइन विकल्प

2. मॉस संसाधन प्रौद्योगिकी, वीएलएसआई पैकेजिंग

3. डिजिटल लॉजिक संघटक पुर्जे एवं परिपथ

4. प्रोग्रामन योग्य लॉजिक, प्रोग्रामन योग्य गेट ऐरे, पीएएल, पीएलए, सीपीएलडी, एफपीजीए

5. कैड टूल्स

6. एचडीएल, वीएचडीएल

ग्रेड उन्नयन की योजना : प्रयोशाला में सॉफ्टवेयर टूल्स जैसे कि एसेम्बलर, कम्पाइलर तथा आईडीई और माइक्रोकंट्रोलरों के लिए प्रशिक्षक बोर्ड जैसे कि 8051 तथा पीआईसी फैमिली शामिल की जा रही है। अन्तर्निर्मित प्रणलियों में पाठ्यक्रम शीघ्र ही आरम्भ किए जाएंगे।   

नाइलिट केन्द्र, श्रीनगर/जम्मू

यह केन्द्र ( श्रीनगर/जम्मू) निम्नलिखित पर अल्पावधि पाठ्यक्रम चलाता है :

  • 8051 द्वारा डिजाइन
  • एवीआर माइक्र-कंट्रोलर द्वारा डिजाइन

भावी योजनाएँ:

अन्तर्निर्मित प्रणाली में 3 माह/6 माह का प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाना जिसके लिए 3 शिक्षक-वर्ग के सदस्यों को इस समय अन्तर्निर्मित प्रणाली पर माडुलर प्रशिक्षण कार्यक्रम के लिए नाइलिट केन्द्र, कालीकट में भेजा गया है।

नाइलिट केन्द्र, औरंगाबाद

सी-डैक तथा नाइलिट केन्द्र, औरंगाबाद  ने ई-अधिगम तथा अन्तर्निर्मित प्रणाली आदि जैसे रुचि के उभयनिष्ठ क्षेत्रों में सहयोग/कार्य करने के लिए 29 जून, 2006 को एक समझौता-पत्र पर ह्स्ताक्षर किए हैं। यह केन्द्र 25 सितम्बर, 2006 से नाइलिट केन्द्र, औरंगाबाद में अन्तर्निर्मित प्रणाली डिजाइन में डिप्लोमा (डीईएसडी) पाठ्यक्रम आयोजित करने का प्रस्ताव करता है। सी-डैक अपनी शैक्षिक एवं तकनीकी सहायता प्रदान करेगा जैसे कि पाठ्यचर्या प्रतिपादन, प्रयोगशाला संघटक-पुर्जों की पहचान, शिक्षक-वर्ग अभिमुखीकरण कार्यक्रम आदि। केन्द्र वीएलएसआई डिजाइन पर निम्नलिखित अल्पावधि पाठ्यक्रम चलाता है :  

क्र. सं पाठ्यक्रम का नाम अवधि पाठ्यक्रम फीस

1.

डिजिटल डिजाइनरों के लिए वीएचडीएल

1 सप्ताह

2500 रु.

2.

परिपथ सिमुलेशन, एनालॉग चिप डिजाइन पाठ्यक्रम के लिए फाउण्डेशन  

1 सप्ताह

4000 रु.

3.

वीएलएसडआई डिजाइन में सर्टिफिकेट पाठ्यक्रम

6 माह

30,000 रु.

4.

एफपीजीए/सीपीएलडी के प्रयोग द्वारा इलेक्ट्रॉनिक उत्पाद विकास तथा डेटा कन्वर्टर पाठ्यक्रम

12 सप्ताह

15,000 रु.

5.

बोर्ड डिजाइन, विश्लेषण एवं लेआउट पाठ्यक्रम

4 सप्ताह

8000 रु.

6.

वीएलएसआई बैकएण्ड (वास्तविक डिजाइन)

4 सप्ताह

8000 रु.

7.

अन्तर्निर्मित प्रणाली डिजाइन में डिप्लोमा

16 सप्ताह

20,000 रु.

नाइलिट केन्द्र, गोरखपुर

1. यह केन्द्र ( गोरखपुर ) अन्तर्निर्मित प्रणाली के क्षेत्र में निम्नलिखित प्रशिक्षण कार्यक्रम चला रहा है

            क. अन्तर्निर्मित प्रणाली में 6 माह की अवधि का उन्नत डिप्लोमा

            ख. अन्तर्निर्मित प्रणाली में 1 माह का ग्रीष्मकालीन प्रशिक्षण

            ग. अन्तर्निर्मित प्रणाली में 1 सप्ताह से 4 सप्ताह का अल्पावधि प्रशिक्षण

अन्तर्निर्मित प्रणाली में एक माह का ग्रीष्मकालीन प्रशिक्षण जून/जुलाई/अगस्त में आयोजित किया गया है तथा 102 विद्यार्थियों को प्रशिक्षित किया गया है।

अन्तर्निर्मित प्रणाली में छह माह की अवधि के उन्नत डिप्लोमा कार्यक्रम के लिए विज्ञापन जारी किया गया और शीघ्र ही आरम्भ होने जा रहा है।

2.  यह केन्द्र वीएलएसआई/ईडीए टूल्स में निम्नलिखित प्रशिक्षण कार्यक्रम चला रहा है। विभिन्न इंजीनियरी महाविद्यालयों के साथ बातचीत की जा रही है।

 क. इंजीनियरी महाविद्यालय के विद्यार्थियों के लिए “वीएचडीएल प्रोग्रामन एवं संश्लेषण” पर एक सप्ताह का शीतकालीन विद्यालय 9 अक्तूबर 2006 से 13 अक्तूबर 2006 तक आयोजित करने का कार्यक्रम है। 

             क. इंजीनियरी महाविद्यालय के शिक्षक-वर्ग के लिए “वीएचडीएल प्रोग्रामन एवं संश्लेषण” पर एक सप्ताह का शीतकालीन विद्यालय 16 अक्तूबर 2006 से 20 अक्तूबर 2006 तक आयोजित करने का कार्यक्रम है।

             ग. “वीएलएसआई डिजाइन” में छह माह का उन्नत डिप्लोमा नवम्बर 2006 से आयोजित करने का कार्यक्रम है। .

अधिक जानकारी के लिए नोडल केन्द्र से सम्पर्क करें : नाइलिट केन्द्र, कालीकट

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